कतर में 8 भारतीयों को मौत की सजा पर आया बड़ा अपडेट
कतर में 8 भारतीयों को मौत की सजा पर बड़ा अपडेट आया है। पीटीआई के अनुसार, विदेश मंत्रालय ने इस मामले में एक बड़ा बयान दिया है। पिछले महीने, कतर की एक अदालत ने आठ भारतीयों को मौत की सजा सुनाई थी, जिसके बारे में विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस मामले में पहले ही अपील दायर की गई है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि 7 नवंबर को, दोहा में हमारे दूतावास को बंदियों तक एक और कांसुलर पहुंची। हम इस मामले में कतर के अधिकारियों के साथ जुड़े रहेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा, ‘कतर में एक कोर्ट ऑफ फर्स्ट इंस्टेंस है, जिसने अल-दहरा कंपनी के आठ कर्मियों के खिलाफ 26 अक्टूबर को एक जजमेंट जारी किया था। इस जजमेंट को कॉन्फिडेंशियल रखा गया है और इसे केवल लीगल टीम के साथ साझा किया गया है, और वे अब आगे के कानूनी कदमों के बारे में विचार कर रहे हैं। इस मामले में एक अपील दाखिल की गई है, और हम कतरी अधिकारियों के साथ भी इसमें संपर्क में हैं।’
कतर की एक अदालत ने एक साल से अधिक समय से हिरासत में रखे गए 8 पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को मौत की सजा सुनाई है। जब ये सजा पिछले दिनों सुनाई गई तो भारत सरकार ने सज़ा पर हैरानी व्यक्त की थी और अपने नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी उपलब्ध कानूनी विकल्पों का पता लगाने की प्रतिज्ञा की। इन अधिकारियों को कतर ने जासूसी के आरोप में 1 वर्ष से अधिक समय से वहीं कैद कर रखा है। बता दें कि इन लोगों में कई ऐसे अधिकारी भी शामिल हैं, जिन्होंने भारतीय नौसेना में रहते हुये प्रमुख भारतीय युद्धपोतों की कमान संभाली थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय नौसेना में विभिन्न पदों पर काम कर चुके इन पूर्व अधिकारियों पर इजराइल के लिए जासूसी करने का आरोप है। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि गिरफ्तार अधिकारियों ने इटली से उन्नत पनडुब्बियों को खरीदने के लिए कतर के गुप्त कार्यक्रम का विवरण प्रदान किया। रिपोर्ट के मुताबिक, एक निजी रक्षा कंपनी के सीईओ और कतर के अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभियानों के प्रमुख को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया है। भारतीय नौसेना के सभी आठ अधिकारियों ने भी इसी कंपनी में कार्यरत थे। कतर में जिन नौसेना के पूर्व अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था, उनके नाम कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनकर पाकला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश हैं।